मेरी दीदी, सुपर वूमेन..
मेरी दीदी, सुपर वूमेन..
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एक थीं दीदी एक हैं दीदी।
दीदी सा ना कोई दूजा।
दीदी ख़ुद में सबल हैं,
हर चीज़ में अव्वल हैं।
हर बातों का तोड़ है उनपे,
न हिम्मत,कोई थोपे उनपे।
मर्ज़ी के ख़ुद मालिक हैं वो,
कभी हरकतों से नाबालिक हैं वो।
दीदी हैं वो मेरी दीदी।
सबसे प्यारी-न्यारी दीदी,
माँगो चाहे तुम प्यार से कुछ भी,
बदले में तुम जन्नत ले लो।
लेकिन अकड़ दिखाई जब,
उनसे ना कोई थैनोस तब।
बिगाड़ ख़ुद न बनने देती,
मुँह पे तुरंत थप्पड़ जड़ देतीं।
