मेंढ़क की दौड़
मेंढ़क की दौड़
नया जमाना आया भाई,
मेंढ़क ने भी शर्त लगाई।
दौड़ वाली प्रतियोगिता,
करवा दो मैं आऊंगा।
सबसे पहले आगे आकर,
अपना नाम लिख आऊंगा।
यही नहीं रहूंगा अव्वल,
यही मेरी तमन्ना है।
वन टू थ्री की सीढ़ियों पर
सबसे ऊपर चढ़ना है।
लोमड़ी में जाकर जंगल के
राजा तक बात पहुंचाई।
खुश हो वन राज ने तब,
प्रतियोगिता रख वाई।
कल थी प्रतियोगिता पर
मेंढ़क रहा उदास,
फिर अब क्या पूरी होगी
मेरे दिल की आस।
सोचते ही सोचते,
बोतलों पर बोतलें चढ़ा ली।
चढ़ा ऐसा नशा,
दशा गई ना संभाली।
प्रतियोगिता समाप्त हुई,
कोई फेल हुआ कोई पास।
वन,टू, थ्री की सीढ़ियों पर
लेटे मेंढ़क सरताज।
बोतलों पर बोतलें चढ़ा रहे हैं,
प्रतियोगिता में शामिल ना हो पाने का,
देखो गम मना रहे हैं
देखो गम मना रहे हैं।