सचमुच एक भारत में बसे कई भारत। सचमुच एक भारत में बसे कई भारत।
"विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।" ~ आचार्य चाणक्य "विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।" ~ आचार्य चाणक्य
परास्नातक तक अर्थशास्त्र पढा मैंने अध्ययन किया पूर्ण मनोयोग से। परास्नातक तक अर्थशास्त्र पढा मैंने अध्ययन किया पूर्ण मनोयोग से।
शब्द यथास्थान नजर आने लगे लिखा था साफ - साफ शब्द यथास्थान नजर आने लगे लिखा था साफ - साफ