हर साल जलाया हमने उसे, फिर भी वह बढ़ जाता है। पहले एक अकेला था, अब घर घर पाया जाता हर साल जलाया हमने उसे, फिर भी वह बढ़ जाता है। पहले एक अकेला था, अब घर ...
जो अब तक तो नाकाम ही रही है तुम्हारे ही गुरुत्व की स्थापना में। जो अब तक तो नाकाम ही रही है तुम्हारे ही गुरुत्व की स्थापना में।
ये सब तो हुआ उस युग में जब कलयुग का आगमन भी न था स्त्री की दशा में अंतर न कलयुग में ये सब तो हुआ उस युग में जब कलयुग का आगमन भी न था स्त्री की दशा में अंतर ...
झूठ का थाम दामन बहुत चल लिए, संग सच के कदम इक बढ़ाओ कभी झूठ का थाम दामन बहुत चल लिए, संग सच के कदम इक बढ़ाओ कभी
ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ ये होता तो कितना अच्छा होता ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ ये होता तो कितना अच्छा होता