कोई कोई कर भी लेता है अपनो के लिए। कोई कोई कर भी लेता है अपनो के लिए।
वो दर्द ना ही कभी बयां कर पाते हैं, ना ही किसी से कहे पाते हैं। वो दर्द ना ही कभी बयां कर पाते हैं, ना ही किसी से कहे पाते हैं।
हर तरफ है नफरतों का बीज अब इनके ही अब तो ठिकाने हो गए। हर तरफ है नफरतों का बीज अब इनके ही अब तो ठिकाने हो गए।
राहत के एहसास को भूल क्यूँ पीड़ा को सहते रहना राहत के एहसास को भूल क्यूँ पीड़ा को सहते रहना