" विजय पर्व "
" विजय पर्व "
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हमने सुना है
विजय पर्व मानते हैं
बुराईओं पर अच्छाईयों की विजय !
पर क्या यह सत्य है ?
आज भी हम
बुराईयों से बंधे हुए हैं ,
कुरीतियों से भरे पड़े हैं
#मी टू" ने हमारा पोल खोल दिया
लूट ,धोखा, कत्ल,बईमानी इत्यादि
को क्या रोक सके हैं ?
यह किताबों के पन्नों तक
कविताओं के छंदों तक
हमारे नेता के भाषणों तक ही
सिमट कर रह गया !
यह संदेश उलझ कर रह गया !
फिर भी हम
राग अलापते हैं
"यह पर्व विजय पर्व है
हमें इन पर गर्व है "
