STORYMIRROR

Sonam Kewat

Others

4  

Sonam Kewat

Others

तू समझ नहीं सकता

तू समझ नहीं सकता

1 min
204

तू रातों में आता तो है 

पर बस जताने के लिए 

बात करता भी है तो सिर्फ 

अपनी बात बनाने के लिए 

कभी नींद के नाम पे कहते हो कि

मैं बात नहीं कर सकता और

मैं चाहे कितना भी इंतजार करूँ

पर तू कभी नहीं समझ सकता 


दिन के साथ-साथ मैं भी बस

तेरे साथ होने का दावा करती हूं 

तू साथ नहीं देता तो कभी कभी

फर्क ना पड़ने का दिखावा करती हूं 

और मौका मिले तो तू कहता है कि 

मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता 

मैं कितने बातों को दबाकर रखती हूं 

वो तू कभी नहीं समझ सकता 


चलो वक्त भी मिल जाता है कभी तो 

फिर बातों बातों में झगड़े हो जाते हैं 

तुम अपने रास्ते हो जाता है और

हम भी अपने घर को हो जाते हैं 

भीड़ में गुम होकर कहते हो कि 

मैं अभी फोन नहीं कर सकता पर 

मैं तो फिर भी तुझे ही कॉल करती हूं 

पर तू कभी समझ ही नहीं सकता 


छोड़ो, जाने दो! बातों का समंदर है 

वो लहरों के साथ बह जाएगा 

बात नहीं करना तो कोई बात नहीं 

एक दिन हर बात यही रह जाएगा


Rate this content
Log in