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टूटा तारा

टूटा तारा

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आप स्वतंत्र हैं

अपने विचारों को

किसी रूप में

लोगों को समझाएं

आपका यह मौलिक

अधिकार है !

पर बिषाक्त टिप्णियों

मर्मभेदी बाणों

से यदि लोगों को

आहत करेंगे तो

मित्रों में आपकी

पहचान अलग हो जायेगी !

विचारों को यदि

रखना है तो

कहने का ढंग अलग होना चाहिए !!

आपकी भाषा में

मृदुलता का आभास हो

नहीं तो हमें

आलोचना से जूझना पड़ेगा

भाषा का यह रूप

आने वाली पीढ़ियों

को विचलित कर देगा !

भबिष्य में लोग भूल

जायेंगे और हमको

लोग नछत्र का

टूटा तारा कहेगा !


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