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Kratika Agnihotri

Others

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शिव विवाह

शिव विवाह

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शिव जी ब्याहने चले गौरा जी को आज,

भूतों की बारात देखो कैसे रही है नाच।


डम डम डमरू बाज रहा है नंदी की सवारी,

दूल्हा बने हैं शंकर न समझाना रे अनाड़ी।


नाग गले में डाल पहने बाघाम्बर छाला,

कैसा अजब रूप सजाया गले में मुंडमाला।


भांग धतूरा के नशे में सब नाचे गाए,

ता ता थैया करते अजब नाच नचाए।


मरघट के भभूत को तन पर लगाए,

भोले बाबा क्या-क्या रूप दिखाएं।


अजब दूल्हा गजब बाराती हिमाचल नगरी आए,

ऐसी बारात देख मैना को मूर्छा छाए।


शिव जी को दूल्हा रूप में देख गौरा मुस्काए,

मैना बोली ब्याह करने से अच्छा तू कुंवारी रह जाए।


दूल्हा संग देखो सब बाराती हैं बौराए,

 भोले बोले गौरा बिहाने आए हैं बिदा करा ले जाएं।


कैलाश पर्वत पर अपना संसार बनाएं,

हम तो खाएंगे भांग गौरा पकवान खाएं।


भक्ति की शक्ति की हुई सफल परीक्षा,

शिव ने असली रूप दिखाया हुई बरीक्षा।


गौरा की कठिन तपस्या से शिव प्रसन्न हुए,

शिव गौरा मुस्काए

अर्धनारीश्वर कहलाए।



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