अलग चूल्हा। अलग चूल्हा।
हमसे ही बने उन 'काँच के सपनों' की बारात आ गई। हमसे ही बने उन 'काँच के सपनों' की बारात आ गई।
जमावू मोरो बहिन संग नहानपनं आपलो मेल | जमावू मोरो बहिन संग नहानपनं आपलो मेल |
उठकर देखा मैंने कहीं दुनिया सच में तो नहीं बदल गई। उठकर देखा मैंने कहीं दुनिया सच में तो नहीं बदल गई।