कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या
आज तुम नारी के अस्तित्व को नकार रहे हो,
दुनिया में आने से पहले कोख में बेटी को मार रहे हो।
जग में बेटी को लाना समझते मजबूरी,
बेटे की चाहत ख्वाहिश को समझो अधूरी।
नन्ही कली को खिलने से पहले उजाड़ते हो,
बेरहमी से कोख में ही मारते हो।
बेटियों ने तुम्हारा कब क्या बिगाड़ा,
समय-समय पर देश दुनिया में नाम बढ़ाया।
गर्भ में लिंग परीक्षण क्यों कराते हो,
जो हो कन्या भ्रूण क्यों मार गिराते हो।
बोझ नहीं इन्हें कोख में न मारो,
तुम्हारा ही अंश हैं गले लगा लो।
दुनिया में जीने का हमें दो अधिकार,
हमें भी दे दो थोड़ा सा प्यार।
एक बार ही सही दिल से तो विचारो,
बेटों की चाहत में बेटियों को तो ना मारो।
हम बेटियां भी बनेंगी कभी सहारा,
पहले हमें तो दे दो एक किनारा।
क्रूर स्वार्थ की वेदी पर न बलि चढ़ाना,
सुख सुविधा के लिए कसाई न बन जाना।