सुखी परिवार
सुखी परिवार
अपनों के चेहरे पर खुशियों के पहरे,
गमों की धूप हो या दुख की दोपहरें।
जहां हो सुखी परिवार, वहां गम न ठहरे,
ठहाकों से छोड़ते, खुशियों के निशां गहरे।
मां की ममता पापा का प्यार,
यही बच्चों के जीवन का आधार।
दादी, नानी की बातों में खुशियों का सार,
ताई- ताऊ भी लुटाएं आशीर्वाद, नेह अपार।
बहू जहां बन जाए बेटी, वहां हो सुखी संसार,
अपनों के संग है अपनापन और दुलार।
जीवन में सही रास्ता दिखाये बाबा की फटकार,
प्यारी मीठी नोकझोंक में बंधा पूरा परिवार।
उस घर में सुख-समृद्धि शांति- सुकून का अंबार,
महिलाएं घर चलाएं, पुरुष चलाते व्यापार।
हर मां करती है ऐसे सुखी परिवार की कामना,
चाहे जितना दुख कठिन परिस्थिति हो, मिलकर करें सामना।
रिश्तों की बंधी रहे मजबूत डोर, टूटे न सपना,
सिर्फ मकान नहीं प्यार भरा हो घर अपना।