STORYMIRROR

Mukesh Nirula

Others

1.0  

Mukesh Nirula

Others

पुरानी यादें

पुरानी यादें

1 min
18.4K


तेरी चीज़ें कुछ पुरानी, जो ना थी कुछ काम की 

एक-एक कर वो सभी, कबाड़ी के मैंने नाम की 

 

उन चीज़ों में बसी, यादें सुहानी ले गया 

जाते-जाते वो मुझे, कुछ मोल उनका दे गया 

 

सब तेरी अनमोल यादें, हैं मेरे ही साथ में 

नज़र आएंगी तुम्हें सभी, मेरी हर फ़रियाद में 

 

सूखे से कुछ फूल, तेरी कुछ किताबों में मिले 

कुछ में थी खुश्बू अभी, कुछ में दिखते थे गिले 

 

फूल मैंने रख लिए हैं, और किताबें बेच दी 

जिन में लिपटी थी वो यादें, वो निशानी बेच दी 

 

तेरी हर एक याद अब, सीने में मेरे साथ है 

खुशियां तुम्हें मिलती रहें, बस यही फ़रियाद है 

 


Rate this content
Log in