पुकार
पुकार

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फटी -फटी धोतियाँ
बच्चों पे लँगोटिया
दर्द है दिल मे
मुख पर मुस्कान है।
करें मज़दूरी देखो
बोझ उठाएं हम
कहाते गरीब पर
हम भी इंसान है।
माना रहें झोपड़ी में
धन ना नसीब में रे
पर खुश रहना
हमारा अधिकार है।
समझो ना दर्द
बाबू तुम भी गरीब का
खुश तुम्हे करते है
तुमसे पुकार है।