STORYMIRROR

Anil Jaswal

Others

3  

Anil Jaswal

Others

पौ फटते।

पौ फटते।

1 min
200

रात घनी थी,

काफी ठण्डी भी थी,

धीरे-धीरे दिन ने ली अंगड़ाई,

पक्षी सब चहचहाने लगे,

लोगों की आवाजें,

सुनाई देने लगीं,

कुछ लोग आग जलाने लगे,

और उसे तपकर,

शरीर का तापमान बढ़ाने लगे,

लेकिन बाहर आने की हिम्मत,

न कोई जुटा पाए।


तभी दूर पूर्व में,

आकाश पे,

एक छोटी सी लालिमा दिखी,

शायद सूरज देवता की भी,

आंख खुली,

सबके चेहरे पर,

मुस्कराहट आई,

मन में आश्वासन दे गई,

कुछ देर में,

सूरज देवता होंगे विद्यामान,

और फिर ठण्ड का करेंगे उपचार।



Rate this content
Log in