मुस्कराहट
मुस्कराहट
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मुफ़लिसी और मायूसी के बादल
यूँ ही छँट जाएँगे,
कभी दिलों को मोहब्बत से
रोशन कर के तो देख।
दौलत, शोहरत, मंदिर या
मयखाने में सुकून ढूँढता है क्या,
कभी किसी के चेहरे की
मुस्कराहट बन कर तो देख !