मुझे तेरी जरूरत नही
मुझे तेरी जरूरत नही
मैं खुश हूं,
मुझे तेरी जरूरत नही
मैं खुश हू,
मुझे तेरी जरूरत नही।
ऐ बेवफा,
ढाया सितम, दर्द होता है
इंसान हू,
कोई पत्थर की मूरत नही,
मैं खुश हूं,
मुझे तेरी जरूरत नही।
हर तरफ
धुआं-धुआं
कुछ नजर नही आता,
होके जुदा तुझसे,
जानेमन
दिल बहल नही पाता,
नही देखना चाहता,
तेरी सुरत कभी,
मैं खुश हूं,
मुझे तेरी जरूरत नही।
वों कसमें, वों वादे
सब तोड़ दिये,
जी भर गया,
फिर छोंड दिये,
मेरे जख्मों पर
कोई मरहम लगाता नही, फिर भी
मैं खुश हूं,
मुझे तेरी जरूरत नही।
सातों जनम साथ निभायेंगे,
एक तेरे लिए, जहां से लड़ जायेंगे,
गर तू मिला ना मुझे,
तो हम मर जायेंगे।
तेरे नाम की मेंहन्दी,
हाथों में रचायेंगे,
झुठे थे, वे वादे सभी,
मैं खुश हूं,
मुझे तेरी जरूरत नही।