मोहरे
मोहरे
1 min
536
किसी बहाने सही
हमे याद तो
किया कीजे
हासिये पे सही
किसी गिनती में
गिना कीजे
छोटे मोहरे हैं
मगर बड़े
काम के हैं बाबू
जब कभी
आपकी बारी हो
हमारा कत्ल
करवा दीजे
जिंदगी है
पता नहीं फिर
कभी मौका मिले
या ना मिले
आज हम ढाल हैं
कल रहें, ना रहें
जुबा को जुंबिशे
लबों पे मुस्कुराहट
रखा कीजे।
कहां पता था कि
बारिशें भिगोयेंगी कम,
बहाएंगी असबाबों को
ज्यादा,
हमारे हिस्से में
खानाबदोशी सही
आप अपना आशियां
जरा बचा लीजे।