Shailaja Bhattad
Others
खिड़की दरवाजे खुले हो तो रिश्ते सांस लेते हैं।
वरना एक कमरे को भी कई हिस्सों में बांट लेते हैं।
हम तो समझे वह हाथ थामने आए हैं ।
किसे पता था पल्लू झाड़ने आए हैं।
बगल में गर खंजर हो।
खुशनुमा कैसे कोई मंजर हो।
हे प्रभु
जय जय श्रीराम...
राम- भरत
श्री राम- भरत
हिन्दी नारे
श्रीराम
होली है
फूलों की होली
कान्हा होली म...
होली