मन रूपी पंख
मन रूपी पंख
मेरी ज़िंदगी के हौसलों के कुछ राज़ हैं
ये राज़ मेरे सुकून के लिए बेहद खा़स हैं
मैं बताती हूँ अपने हौसले का मंत्र
जिसको तोड़ नही सकता कोई भी तंत्र
ये मंत्र मेरा खुद का किया ईजाद है
इसका नुस्खा भी बस मेरे ही पास है
पता है पास मेरे उड़ने के लिए नही कोई पंख है
मेरे पास उड़ने के लिए बस मन रूपी शंख है
उसमें अपनी मुरादों को आसानी से फूँँकती हूँ
जी भर हौसलों की उनमुक्त उड़ानें भरती हूँ
ये शंख वाकई बड़ा ही जादुई होता है
धीरे से फूँकने पर जोर की आवाज़ करता है
मेरी मुरादे भी इसमें जाकर बड़ी हो जाती हैं
जमीन से उठ कर आसमां तक पहुँच जाती हैं
मैं तो इसी से जी भर के खुश हो जाती हूँ
इस शंख के ज़रिए आसमां तक हो आती हूँ
जरूरत नहीं इन चिड़ियों वाले पंख की मुझे
पल भर में सामने वाला पल में काट देगा जिसे
मेरे मन रूपी पंख को नहीं वो आघात देगा
मेरे हौसलों को भला वो कैसे मात देगा।