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Bharat Jain

Others

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Bharat Jain

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मग़र जंग होना नहीं है

मग़र जंग होना नहीं है

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अभी जंग के आसार बहुत हैं,

मग़र जंग होना नहीं है।


अभी आंच पर रखा है पानी,

पर अभी पिघला नहीं है।


लोहा गर्म है, थोड़ा सम्भलना,

अभी औज़ार बना नहीं है।


सांचों में ढल गया है ज़हर पर,

मूरत अभी ये बना नहीं है।


आज भीड़ बहुत थी सड़क पर,

कि कल कोई कह रहा था,


शहद के पास बैठी मधुमक्खियों से,

ये शहद अब तेरा नहीं है।


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