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मेरे अपने

मेरे अपने

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वो आई मेरी कब्र को, अश्क़ों से गीला कर गए 

हम दोनों के बीच में, अश्क़ों का दरिया बह गया 

 

कुछ देर रुक कर वो तो, वापिस अपने घर को चल दिए 

वो फिर से तन्हा हो गए,मैं फिर अकेला रह गया 

 

जो फूल वो ले कर आए थे, उनसे है ख़ुश्बू आ रही 

मुझको तो ख़ुश्बू दे गए, वोख़ुद ही काँटे ले गए 

 

जो दीप वो ले कर आए थे, उनसे उजाला कर गए 

उनके इस जीवन में, फिर से अँधेरा हो गया 

 


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