कुछ यूं होता
कुछ यूं होता
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काश कि कुछ यूं होता
कि उन अश्कों का नाता खुद से
बस कुछ पलों का होता
जीती सी कोशिशें होती
ग़म को बस खुशियों में पिरोने की
काश कि कुछ यूं होता
दे सकते हर सुकून हम अपनों को
ना कहीं फिर नफरतों का माहौल होता
सौदा सबके गमों से कुछ हम यूं करते
हर हिस्से में एक हंसी होता
काश कि कुछ यूं होता
हां इतनी ही रहमत देता मेरा भगवान
कि भूले से भी मुझसे किसी आंखों में ना आंसू आता
काश कि कुछ यूं होता