करना है प्रेम
करना है प्रेम
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जलाने की कुछ इच्छा हो ,
तो अपने क्रोध को जला दो,
यदि कुछ बुझाने की इच्छा हो,
तो अपनी घृणा को बुझा दो,।
यदि मारने का मन करे तो ,
अपनी इच्छाओं को मार दो,
वही तो एक दुश्मन है जो ,
गलत कर्म करवाती है ,।
यदि करना है प्रेम तुमको ,
अपनी अच्छाई से कर लो,
जिस से बदल सकोगे तुम ,
खुद को और लोगो को भी,।