ख़ुदा मेरे सुन दिल की फरियाद
ख़ुदा मेरे सुन दिल की फरियाद
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ढूँढने से कही नहीं मिलती!
ऐ ख़ुदा अब ख़ुशी नहीं मिलती
उम्रभर साथ दें वफाओं से
ऐसी अब दोस्ती नहीं मिलती
रह गया है फ़रेब आंखों में
अब सच्ची आशिक़ी नहीं मिलती
टूटे दिल को क़रार आये कुछ
ऐसी कोई वो शायरी नहीं मिलती
चैन दें जो मेरे ग़म को खुशबू
वो चमन में कली नहीं मिलती
यूं भरी दिल में ही उदासी है
मन की वो दिलकशी नहीं मिलती
दर मिले जो वफ़ा का ही आज़म
ऐसी कोई गली नहीं मिलती ।
