कहां है तेरा ध्यान
कहां है तेरा ध्यान
सुन पाकिस्तानी इमरान,
कहां है तेरा ध्यान।
तेरे ही लोग तेरे ही ढोंग,
मिटा देंगे तेरे ही घर खलियान।
तू अभी भी बच्चा है,
माफ किया अक्सर तेरी नादानी को,
ऐसा समझ कर लोग आते रहे पैर छूने को।
लेकिन तू सपोला बन बैठा आदी हो।
अब सीधा सीधा हर आतंकी को ठोकेंगे,
देश में हर पाकिस्तानी को ढूंढ कर पीटेंगे।
तू रोक ले हदें अपने आतंक की सरहदों पर,
वरना तेरे हलक में हम बूंद भी न छोड़ेंगे।
बहुत हुयी अब मानवता की बातें,
अबे सुन अब खून के बदले खून ही भेजेंगे।
हे भारत के वीरों सुनो विनय हमारी है,
यह देश तुम्हारा यह जनता तुम्हारी है।
न सुनो सरहद पर सत्ताधारियों की जुबानी,
सीधे ठोको दुश्मन को यह इच्छा हमारी है।
