कदम कहीं रुक जाए ना
कदम कहीं रुक जाए ना
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देखो कदम डगमगाए ना
निज पथ से भटक जाए ना ।
ठोकर के भय से तेरे
कदम कहीं रुक जाए ना ।।
मानव सेवा है सर्वोपरि
इससे बड़ी कोई बात नहीं
परोपकार की अविरल धारा
देख कहीं रुक जाए ना ।।
वो जीवन है अति उत्तम सा
जो सब जन के कार्य में आए
मानव मानव से प्रेम करे
कोई दिल किसी का दुखाए ना।