जेब का सम्मान
जेब का सम्मान
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दिल दया से भरा था
दिमाग का एक एक तार हिल गया
एक दिन वो बाल मजदूर
खुद्दार मिल गया
जब देना चाहा उसे नए जुते मैंने
बोला देखो मेरा अब सील गया
माँ बहुत करती है
मैं भी कोशिश करता हूं
सच है अपने हालातों से लड़ता हूं
पर नहीं चाहिए सच में कुछ
हम जैसे भी है हैं
हर हालातों में खुश
आदत जो लग जाएगी
हम सपने देखने लगेंगे
माँ से जिद करेंगे
बापू से लड़ने लगेंगे
शुक्रिया आपका जो इतना ध्यान देते हो
खुश है हम इतने में की आप हमे काम देते हो
