हां ----मैं किन्नर हूँ मैं हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं
हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........
थोड़ी हटकर हूँ दिखने में
नहीं करता कोई मेरी इज्जत दुनिया में
मैं सुंदर नहीं जिस्म से
हँसते है देख मुझे सब बुरी नजर से
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं
हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........
हां ----मैं किन्नर हु
नर-नारी का रूप हूँ
मैं ही शिव मैं ही पार्वती हूँ
चांद सी शीतल, सूरज का आग हूँ
मां की ममता, पिता का प्यार हूँ
सड़क है मेरा घर, आशीष देती हूँ घूम कर
हां मैं वही तालियाँ बजाने वाली
दो रूपों का एक ही संगम हूँ
हां ----मैं किन्नर हूँ
मैं हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........
मैं भी तुम जैसी हूँ
फर्क सिर्फ इतना है लड़की जैसे भाव है मेरे
लेकिन दिखती लड़के जैसे हूँ
छल कपट, चोरी बेईमानी मैं नहीं जानती हूँ
खुदा की बनाई मैं एक शख़्सियत हूँ
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं
हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........
हां मैं किन्नर हूँ ,
मैं छक्का हूँ मैं हिजड़ा भी कहलाता हूँ
मैं गलती से बनाया बिगड़ा शरीर हूँ
मैं एक श्राप हूँ ,
मैं अपनो से ही बिछड़ा हूँ
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं
हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........
सबको बाटती हूँ दुआएँ
खुदा का भेजा शख्स हूँ
पैसो का ना भूख हूँ,
थोड़ी इज्जत का मोहताज हूँ
अर्धनारीश्वर का रूप हूँ, कोई अभिशाप ना हूँ
शक्ल ना सही है पर दिल से खूबसूरत हूँ
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं
हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........
चाहे कहो हिजड़ा या कहो किन्नर
चाहे कहो श्राप या कहो अभिशाप
या छक्का कहकर धिक्कारो
या दो गालियां या बोलो अपशब्द
हिजड़ा कहो या फिर किन्नर कहो
चाहे कितना भी परिहास उड़ाओ
चाहे तूफान आये या हो महाप्रलय
निकल कर सड़कों पर दुआएँ दूँगी
तालियों की गुंज से
सोये इंसान के इंसानियत को जगाऊंगी
हां ----मैं किन्नर हूँ मैं
हिजड़ा, छक्का कहलाता हूँ ...........