STORYMIRROR

घर से दूर

घर से दूर

1 min
245


बातें अगर कुछ कह ना पाऊं

तो खामोशियाँ सुन लेना तू मेरी,

अगर रिश्ते कोई निभा ना सकूँ

तो मजबूरियाँ समझ लेना तू मेरी


रास्ते मेरी मंज़िलों के सफर में

मुझे खुद ही बनाने पड़ेंगे,

जिंदगी के कोई मोड़ पे मिल ना सकूँ तो

थोड़ी राह देख लेना मेरी


ऐसा होगा कई बार की साल साल भर

तेरा चेहरा देख न पाऊं,

तो वही अलमारी के कोने में पड़ी

तस्वीर से बात कर लेना तू मेरी


मेरे दिल की हर धड़कन हर साँस में

बस तेरी ही याद रहती है

तू जाए मंदिरों में तो घर लौट आने की

बंदगी कर लेना मेरी


Rate this content
Log in