एक दोस्त था मेरा
एक दोस्त था मेरा
कहीं देखा है मेरे उस दोस्त को
जो हर वक्त मेरी देखभाल करती थी
कभी ना उससे नाराज हो जाऊं
हर मेरी लड़ाई खुद लड़ आती थी
जब भी मैं उदास होती,
अपनी चुपड़ी चुपड़ी बातों से
मेरा गुस्सा शांत करती थीं
एक प्यारा सा रिश्ता था मेरा
आज भी मुझे याद आता है
खो गया कहीं वक्त के साथ
कब कहीं और जाकर अपना घर बना लिया।
कहीं ....
कभी न उसने मुझे मेरे नाम से पुकारा
कहती थी मुझसे ओए मैथ गर्ल
देखना एक दिन जरूर तू कुछ कर जाएगी
उसकी हर एक बातें आज भी मुझे याद हैं।
हर वक्त हँसती मुस्कुराती फिरती थी इधर से उधर
कक्षा में चहकती थी चिड़ियो की तरह
कभी इस सीट पर बैठना तो
कभी उस सीट पर बैठना,
समय से पहले ,दोस्तों के बैग से,
डिब्बा निकाल कर खाजाना।
कहीं....
हँस मुख सा चेहरा था उसका
वैशाली सिंह नाम था उसका
कक्षा में अव्वल आना था उसको
हर वक्त गाना गुनगुनाना था उसको
दोस्तों में सबकी लाड़ली थी हमारी
कहती थी दोस्तों की हूँ मै प्यारी
उसकी दोस्ती में थी मिठास भरी बातें
कभी ना लगती थीं उसकी कड़वी बाते।
कहीं....
एक दिन ,
वक्त का पता नही थी किसीको
स्कूटी पर सवार होकर
कॉलेज के लिये आ रही,
अचानक से उसका एक्सीडेंट हुआ
हमारे ग्रुप के पिंजरे से
हमारा एक दोस्त आकाश में उड़ गया।
23 अप्रैल 2019जिदंगी की आख़िरी दिन था उसका
ये दिन सबकों एक याद बनकर रह गया।
ऐसा था मेरा दोस्ताना
कभी रूठना तो कभी मनाना था हमारा।
कहीं.....
आज भी आँखे उसको निहारती है
फिर से मिलेंगे किसी मोड़ पर
ऐसा मुझसे कहती है।
जब भी आपको मिल जाये मेरा दोस्त
उसको मेरा संदेश तुम दे देना
कह देना आज भी तेरी दोस्त तुझे याद करती है।
जब भी तुझको फुरसत मिले बापस
उसी जगह आजाना जिस जगह हम मिले थे।
कहीं.....
मिस यू माय फ्रेंड विशु