धरती जिसकी नेक (मेरा देश)
धरती जिसकी नेक (मेरा देश)
1 min
330
धरती जिसकी नेक है!
जहां महाभारत है रचता,
लंकापति भी जिससे डरता।
धरती जिसकी नेक है!
जैसा करे, वो वैसा भरता,
आन, बान और शान पर मरता।
धरती जिसकी नेक है!
ऐसा अपना देश है।
धरती जिसकी नेक है।
देश तो ऐसे अनेक हैं,
धरती अपनी नेक है !
