STORYMIRROR

usha yadav

Others

3  

usha yadav

Others

चाहत

चाहत

1 min
218

मैं चाहती हूं तुम मुझे प्यार करो 

ऐसे जैसे एक कवि अपनी कविताओं

 में अपने जज्बातों को बुनता हो जैसे


 मैं चाहती हूं तुम मुझे चाहो ऐसे 

जैसे कोई मां अपने बच्चे के जन्म

 ना होने पर भी उसकी खुशी से 

उत्साहित हो जाती हो जैसे


मैं चाहती हूं तुम मुझे चाहो ऐसे

जैसे कोई प्यासा हो और पानी

में अपने महबूब की तस्वीर 

देख ली हो जैसे…..

 

मैं चाहती हूं तुम भी मुझे चाहो 

वैसे जैसे बिन देखे ही तुझे 

चाहने लगी हूं मैं जैसे 



Rate this content
Log in