चाहत
चाहत
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मैं चाहती हूं तुम मुझे प्यार करो
ऐसे जैसे एक कवि अपनी कविताओं
में अपने जज्बातों को बुनता हो जैसे
मैं चाहती हूं तुम मुझे चाहो ऐसे
जैसे कोई मां अपने बच्चे के जन्म
ना होने पर भी उसकी खुशी से
उत्साहित हो जाती हो जैसे
मैं चाहती हूं तुम मुझे चाहो ऐसे
जैसे कोई प्यासा हो और पानी
में अपने महबूब की तस्वीर
देख ली हो जैसे…..
मैं चाहती हूं तुम भी मुझे चाहो
वैसे जैसे बिन देखे ही तुझे
चाहने लगी हूं मैं जैसे