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Jaiprakash Agrawal

Others

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Jaiprakash Agrawal

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बसन्त

बसन्त

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चली बसन्ती बयार

पुलकित हर तन मन

देख नव सृजन संचार

चली बसन्ती बयार


पीली सरसों फूले

कोयल पीहू बोले

सजनी करे पुकार

चली बसन्ती बयार

   

नूतन कोंपल फूटे

संकोच सब टूटे

स्वागत प्रेम त्यौहार

चली बसन्ती बयार

   

गुलाब के रंग

सजनी के संग

आलिंगन का हार

चली बसन्ती बयार


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