भारत / हिंदुस्तान
भारत / हिंदुस्तान
1 min
289
कोई भारत कहता है, तो कहता है हिन्दोस्तां
विभिन्न धर्मों से बनके ही बना ये प्यारा गुलिस्तां
मैं ईस देश में बसता हूँ या मुझमें देश बसता है
ये एेसा देश मेरा जो मुझमे गर्व भरता है
ये वो भूमि है जो राम और कृष्ण की थाती है
जहाँ भगवान भी करम की सरहद में रहता है
जहाँ गौतम ने बुद्ध बनकर दिया संदेश अहिंसा का
जहाँ नानक की वाणी में मधुर रस ही छलकता है
ये एेसा देश है मेरा जो मुझमे फक्र भरता है
सुनो एे गौर से यूँ नफरतों को सींचने वालों
ये वो भारत है जहाँ दिलों में प्रेम पलता है
न पूरी हो सकेगी ये तुम्हारी शतरंज की साजिश
नया भारत अब ये नये तेवर भी रखता है
ये ऐसा देश मेरा जो मुझमे सब्र भरता है।
कोई भारत कहता है...!!!