अरे ! इंसान सुन...।
अरे ! इंसान सुन...।
लोग कहते हैं कहने दे,
तू डटा रह अपने लक्ष्य पर,
मत भटक किसी राह पर,
बस दृढ़ रह अपने विश्वास पर,
सुन तुझ पर तेरे परिवार ने भरोसा किया है,
तुझे पढ़ाने खातिर अपना खून पसीना बहाया है,
मत कर उनके परिश्रम को व्यर्थ,
जी तोड मेहनत कर और कुछ बन कर दिखा,
लोग तुझे भटकायेंगे,
पर तूने जो देखा सपना है,
कर उसको पूरा,
क्योंकि तेरे परिवार ने तुझ पर भरोसा दिखाया है,
मत कर उनके विश्वास के साथ खिलवाड़,
कुछ ऐसा कर वो तुझ पर फक्र महसूस करें,
लोग कहते हैं कहने दे,
मत सुन उनकी बातों को,
जरा सोच तेरे परिवार ने क्या कुछ सहकर,
तुझे इस लायक बनाया था,
तेरे खातिर न जाने कितनी ख्वाहिशों का गला घोंटा है,
बस याद रख उनकी मेहनत को,
और कर अपने सपनों को पूरा जो उनके भी सपने हैं,
और दिखा दे मेहनत.. छोटा या बड़ा,
अमीर और गरीब नहीं देखती,
मेहनत.. सच्ची लग्न और परिश्रम देखती है,
और उसी के हाथों की लकीरों में बैठ,
उसका भाग्य चमकाती हैं।