देखा है क्या तुमने अभी आईना में चेहरा अपना। देखा है क्या तुमने अभी आईना में चेहरा अपना।
मधम से बयां करते ख़ामोश सलीके हैं, नर्म अंदाज़ हैं ये। मधम से बयां करते ख़ामोश सलीके हैं, नर्म अंदाज़ हैं ये।
दुुआ यह ईक हमारा है, बनी हो चाँदनी की तुुम कहाँ कोई तुमसा प्यारा है। दुुआ यह ईक हमारा है, बनी हो चाँदनी की तुुम कहाँ कोई तुमसा प्यारा है।
लाली और हरियाली मग्न मन करने वाली यह भूमि है मेरी।। लाली और हरियाली मग्न मन करने वाली यह भूमि है मेरी।।
नी हो चाँदनी की तुम सनम कहाँ कोई दूसरा तुमसे प्यारा है।। नी हो चाँदनी की तुम सनम कहाँ कोई दूसरा तुमसे प्यारा है।।
इतिहास हमारा भरा पड़ा है वीर इन भारतीय जियाले के कृत्य से। इतिहास हमारा भरा पड़ा है वीर इन भारतीय जियाले के कृत्य से।