यह भूमि मेरी===========
यह भूमि मेरी===========
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हर पल हर क्षण
जो कण कण
जीवन संवारती
न होने दे हैरां कभी
यह भूमि है मेरी।।
हर रूप रंग में
धूप हो या फिर
हसीन छांव मेें
न थकने दे वह कभी
यह भूमि है मेरी।।
दामन से लिपट उसके
सब सुख है पाया
भटक गया तो
राह नया दिखाया
भरमाने न दिया कभी
यह भूमि है मेरी।।
संगी वह सदा सदा
गोद में उसके
वह सब पा लिया
जिसके लिए ईश ने भी
कई मानव जन्म जिया
साथ न छोङे यह कभी
यह भूमि है मेरी।।
सबको जीवन देने वाली
सब तरफ भर दे
लाली और हरियाली
मग्न मन करने वाली
यह भूमि है मेरी।।
