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Baman Chandra Dixit

Others

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Baman Chandra Dixit

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आओ मनाए होली

आओ मनाए होली

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लाल, पीला हरा ,गुलाबी

रंग तो हैं बेशुमार।

होली के नाम पर इतने सारे

हो जाते एकाकार।।

तब होली होती रंगीली,

नाचता गाता सारा संसार-

आओ मनाए होली।


नाचे कण कण नाचे वृंदावन

नाचे गोप मथुरा

नाचे जन जन झूमे धरती गगन

नाचे संसार सारा।

बाजे कान्हा की मधुर मुरली,

नाचता गाता सारा संसार

आओ मनाए होली।


ऋतु बसंत छटा अनंत

पलास कुसुम के संग,

बौरों की भीनी खुशबू ने मानो

हावा ने घोल दी भांग।

झूमे कृष्णचुड़ा की डाली,

नाचता गाता सारा संसार

आओ मनाए होली।


चंचल तन मन जागे शिहरण

पी के परस को माँगे।

अबीर गुलाल से रंगो तन वदन

अंग पिचकारी से भीगे।

भीगे चुनरी चोली,

नाचता गाता सारा संसार

आओ मनाए होली।


पुरुष प्रकृति की राधा श्रीपति की

आज् मिलन गीत गाओ

रंगीन है ये जग और मिला दो रंग

खूब रंगीन बनाओ।

भर मारो प्यार् पिचकारी

नाचता गाता सारा संसार

आओ मनाए होली।


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