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तड़पती नदी कह रही, कीचड़-सी मैं बह रही। झूठी लगती मेरी राहें। रूठी-सी खुद की बाहें। तड़पती नदी कह रही, कीचड़-सी मैं बह रही। झूठी लगती मेरी राहें। रूठी-सी खुद की बाह...
छोटी-सी आशाओं के कई दीप जलाती। नन्हें-नन्हें हाथों से असंख्य सीप बनाती। कितनी ही रातों से, एक पल सोय... छोटी-सी आशाओं के कई दीप जलाती। नन्हें-नन्हें हाथों से असंख्य सीप बनाती। कितनी ही...
क्यों तरस रहे रिश्ते, बरस रही आँखें भी। दूर तक उदासी-सी, दरक रही साँसें भी।। क्यों तरस रहे रिश्ते, बरस रही आँखें भी। दूर तक उदासी-सी, दरक रही साँसें...
वो मीठी लोरी--- सुनाना------ याद हो वो मीठी लोरी--- सुनाना------ याद हो
वक़्त-बेवक़्त हारता, जो अपनों का भ्रम है। वक़्त-बेवक़्त हारता, जो अपनों का भ्रम है।
दर्द अपलक देखता रहा उसे। दर्द अपलक देखता रहा उसे।
सुधारस बरसा कर जग में, प्रेमगीत गुंजाए घर-द्वारे ये॥ सुधारस बरसा कर जग में, प्रेमगीत गुंजाए घर-द्वारे ये॥
आज फिर एक माँ, आस के दीप जलाये गुमनाम हो गई। आज फिर एक माँ, आस के दीप जलाये गुमनाम हो गई।
मुस्कराहटें भी, बेदम होकर गिरी। ख़ुशियाँ पैसों की, शुक्रगुजार हुई।। मुस्कराहटें भी, बेदम होकर गिरी। ख़ुशियाँ पैसों की, शुक्रगुजार हुई।।
क्यों माया में घुटता स्वप्न, विश्वास का।। क्यों माया में घुटता स्वप्न, विश्वास का।।