मैं एक घरेलू महिला हूँ जो नारी की स्वतंत्रता में विश्वास रखती हूँ। स्वछंदता में नहीं। नारी उत्थान के लिए कुछ भी करने को तैयार। लेकिन तभी जब नारी सामाजिक मुल्यो के अनुरूप चले।
मुझे लग रहा था कि यह मेरी पूजा सार्थक होने के संकेत हैं। मुझे लग रहा था कि यह मेरी पूजा सार्थक होने के संकेत हैं।
ईश्वर हमें एहसास कराता रहता है कि तू अपने - आप को अकेला मत समझ बंदे ईश्वर हमें एहसास कराता रहता है कि तू अपने - आप को अकेला मत समझ बंदे
चाहती तो मैं भी यहीं हूँ।मैंने जिस सपनों के राजकुमार की कल्पना की थी, वो तुम ही हो। चाहती तो मैं भी यहीं हूँ।मैंने जिस सपनों के राजकुमार की कल्पना की थी, वो तुम ही ...
मेरी बेटी की सगाई की रस्में अदा होने के साथ, मेरी बरसों की ख्वाइशें मूर्त रूप ले रहीं मेरी बेटी की सगाई की रस्में अदा होने के साथ, मेरी बरसों की ख्वाइशें मूर्त रूप ले...
मैं सुनील और उसकी गृहस्थी के बीच दरार का कारण नहीं बनना चाह रही थी। मैं सुनील और उसकी गृहस्थी के बीच दरार का कारण नहीं बनना चाह रही थी।
अचानक पता चला कि अनिल के घरवालों को किसी ने भड़का दिया। अचानक पता चला कि अनिल के घरवालों को किसी ने भड़का दिया।
हर बात के साथ कहती कि मेरा सुनील तो बहुत ही सीधा और होनहार है ,सी ए है सी ए । हर बात के साथ कहती कि मेरा सुनील तो बहुत ही सीधा और होनहार है ,सी ए है सी ए ।
निशा एक हसीन, कमसीन होने के साथ पढ़ाई में भी अव्वल थी! निशा एक हसीन, कमसीन होने के साथ पढ़ाई में भी अव्वल थी!
अँधेरा जब ज्यादा बढ़ जाता है, तो "शकुन" रोशनी सामने ही होती है। अँधेरा जब ज्यादा बढ़ जाता है, तो "शकुन" रोशनी सामने ही होती है।
ज़्यादातर महिलायें घर का भार भी ढोती हैं और अपने पति को भी संभालती हैं । ज़्यादातर महिलायें घर का भार भी ढोती हैं और अपने पति को भी संभालती हैं ।