मैं एक घरेलू महिला हूँ जो नारी की स्वतंत्रता में विश्वास रखती हूँ। स्वछंदता में नहीं। नारी उत्थान के लिए कुछ भी करने को तैयार। लेकिन तभी जब नारी सामाजिक मुल्यो के अनुरूप चले।
जिसकी घर-घर में पूजा होती है। अगर नहीं तो फिर आडम्बर क्य़ों ? जिसकी घर-घर में पूजा होती है। अगर नहीं तो फिर आडम्बर क्य़ों ?
किसी की जिंदगी यूँ बर्बाद करने का किसी को कोई हक नहीं बनता। वह तो बेचारी "ना घर की रही किसी की जिंदगी यूँ बर्बाद करने का किसी को कोई हक नहीं बनता। वह तो बेचारी "ना घर ...
उसकी जैसे ही तन्द्रा टूटी वह दिल्ली पहुंच चुके थे। उसकी जैसे ही तन्द्रा टूटी वह दिल्ली पहुंच चुके थे।
मैडम ! एक बार देख तो लीजिये। हो सकता है कि आपसे कोई गलती हो गई हो। मैडम ! एक बार देख तो लीजिये। हो सकता है कि आपसे कोई गलती हो गई हो।
मम्मी जी, हम सब भी इसे अपनी पलकों पर बिठा कर रखेंगे मम्मी जी, हम सब भी इसे अपनी पलकों पर बिठा कर रखेंगे
कान्ता बेहोश थी, अब उसे थोड़ा-थोड़ा होश आना शुरु हुआ कान्ता बेहोश थी, अब उसे थोड़ा-थोड़ा होश आना शुरु हुआ
इसीलिय़े वह नये मां-बाप ढूंढ़ने निकल पड़ी, उस नादान को क्या पता यह दुनिया कैसी है। इसीलिय़े वह नये मां-बाप ढूंढ़ने निकल पड़ी, उस नादान को क्या पता यह दुनिया कैसी है...
तेरे तो दो भाई हैं, फिर तू इतनी चिन्ता क्यों कर रही है? तेरे तो दो भाई हैं, फिर तू इतनी चिन्ता क्यों कर रही है?
आज के युग में प्यार के नाम पर छलावा हो रहा है और इस छलावें का परिणाम हैं कि लड़की को टुक आज के युग में प्यार के नाम पर छलावा हो रहा है और इस छलावें का परिणाम हैं कि लड़की...
बहती है गंगा, लागे तू गोता, शिव - शंकर चाहे तो क्या नहीं होता। बहती है गंगा, लागे तू गोता, शिव - शंकर चाहे तो क्या नहीं होता।