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चंपी करते हुए ख्याल आया जीवन का, हर रोज़ संवारती हूँ, निखारती हूँ। चंपी करते हुए ख्याल आया जीवन का, हर रोज़ संवारती हूँ, निखारती हूँ।
कई दफा तुम्हें मैं बुलाती रही, फ़ुरसत के कुछ पल मांगती रही. कई दफा तुम्हें मैं बुलाती रही, फ़ुरसत के कुछ पल मांगती रही.
अतीत की सुरंग से गुज़र कर देखा असहज सा महसूस होता है. अतीत की सुरंग से गुज़र कर देखा असहज सा महसूस होता है.
बीती बातों को महज़ संयोग न मानना किताब जिंदगी की सीखना और सिखाना। बीती बातों को महज़ संयोग न मानना किताब जिंदगी की सीखना और सिखाना।
लिखने बैठी मैं 'गरीबी' पर कविता। लिखने बैठी मैं 'गरीबी' पर कविता।
अब तो सब खाती भी हूँ और स्वाद लेकर खाती हूँ। अब तो सब खाती भी हूँ और स्वाद लेकर खाती हूँ।
तेरे साथ होने की बात ही कुछ अलग है. तेरे साथ होने की बात ही कुछ अलग है.
मन की केतली ने मचा रखी है खलबली, कौन सुने व्यथा। मन की केतली ने मचा रखी है खलबली, कौन सुने व्यथा।
चिल्लाई, चीखी व मूर्छित हो अपने ही वजूद में सिमटी, चोटिल ठहरी रही। चिल्लाई, चीखी व मूर्छित हो अपने ही वजूद में सिमटी, चोटिल ठहरी रही।
मुश्किल लग रहा मुझे, मैंने कहा था तेरे प्यार में सब अलग है।मुश्किल लग रहा मुझे, मैंने मुश्किल लग रहा मुझे, मैंने कहा था तेरे प्यार में सब अलग है।मुश्किल लग रहा मुझ...