Poetry Writer Anchor. Business owner Instagram id: swap_jii https://youtu.be/1Pb3GQHbgOQ
आपस में मिलकर रहना बताता है संविधान हमें यही तो सिखलाता है। आपस में मिलकर रहना बताता है संविधान हमें यही तो सिखलाता है।
मैं शब्दों भरी हूं मुझमें ज्ञान खजाना जो कहते हैं उनको मेरे हालात बताना मैं शब्दों भरी हूं मुझमें ज्ञान खजाना जो कहते हैं उनको मेरे हालात बताना
फूल पत्ती भी गुदा लिया पर क्या रंग तुम्हें ना पता चला फूल पत्ती भी गुदा लिया पर क्या रंग तुम्हें ना पता चला
रंग भर सकूं ऐसी ही लिखी अपनी बिखरी बिखरी सी कविताओं को समेट रहा हूँ। रंग भर सकूं ऐसी ही लिखी अपनी बिखरी बिखरी सी कविताओं को समेट रहा हू...
अबकी बारी नजदीक होकर भी तन बहुत दूर था। अबकी बारी नजदीक होकर भी तन बहुत दूर था।
ऋतु बसंत के आगम में फूले पुष्प बसंत चहुं ओर। ऋतु बसंत के आगम में फूले पुष्प बसंत चहुं ओर।
ये गरीबी ये लाचारी ये जीने की बात है। ये गरीबी ये लाचारी ये जीने की बात है।
पाया बहुत कुछ पर ना मिला सुकून पाया बहुत कुछ पर ना मिला सुकून
लहलहाते मस्त पवन से पेड़ पौधे बहुत मुस्काते हैं. लहलहाते मस्त पवन से पेड़ पौधे बहुत मुस्काते हैं.
पर नन्हे जीवों पर दया दिखाना उन्हें जिंदा नहीं जलाना तुम। पर नन्हे जीवों पर दया दिखाना उन्हें जिंदा नहीं जलाना तुम।