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दायजे की चिता में जलाते रहे नारि “उत्कर्ष” वो दीप बाती नहीं। दायजे की चिता में जलाते रहे नारि “उत्कर्ष” वो दीप बाती नहीं।
जानती ये, दुनिया सारी है, सारी है, सारी है। जानती ये, दुनिया सारी है, सारी है, सारी है।
हरा भरा परिवार हरे में, हरा भरा मन माली हरा भरा परिवार हरे में, हरा भरा मन माली
काल कराल कमाल करे, कब भक्त कपालि अकाल सतावै। काल कराल कमाल करे, कब भक्त कपालि अकाल सतावै।
मीठा तो बीमारी सदा स्वाद पे भारी मीठा तो बीमारी सदा स्वाद पे भारी
डूब जाये न प्यार की किश्ती खौफ़ वाले किसी किनारे हैं। डूब जाये न प्यार की किश्ती खौफ़ वाले किसी किनारे हैं।
भोर सुहानी कर गया,सजनी का संदेश । विरह करे मन को व्यथित,मान, बसे परदेश ।। भोर सुहानी कर गया,सजनी का संदेश । विरह करे मन को व्यथित,मान, बसे परदेश ।।
रही जगत कूँ तार सुनलै सुनलै पुकार रही जगत कूँ तार सुनलै सुनलै पुकार
ब्रज आँगन की यही लाडली, प्रेम अमिय बरसाय ब्रज आँगन की यही लाडली, प्रेम अमिय बरसाय
आज एक नारी की इज्ज़त, लुटती रही भीड़ भर में आज एक नारी की इज्ज़त, लुटती रही भीड़ भर में