चिनचिन
चिनचिन
चिनचिन चिनचिन इक चिड़िया
उसको पाई थी डिबिया
डिबिया में था दाना
चिनचिन गाये गाना
गाना सुनकर बंदर आया
बंदर लाया आलू
आलू में से निकला
एक मोटा भालू
भालू था अकेला
चला घूमने मेला
मेले में मिठाई
जमकर उसने खाई
मीठा तो बीमारी
सदा स्वाद पे भारी
भालू तो बीमार हो गया
मीठे से बुखार हो गया
चिनचिन ने आवाज़ लगाई
तुरंत दौड़ कर बिल्ली आई
डॉक्टर शेर सिंह बुलाया
भालू का बुखार नपाया
दी बुखार की दवाई
कड़वी दवा खिलाई
भालू ने बताया
मीठा सदा रुलाता
काश समझ यह जाता
आज दवा नहीं खाता
चिनचिन यही बताती
वह मीठा नहीं खाती