MA in English MA in pol. science A passionate teacher by profession and a skilled home maker,fond of reading and writing. Anything that can make me thinking about that can inspire me to write
अल्फाज नहीं बयां करने को, हम कितना तुमको चाहने लगे अल्फाज नहीं बयां करने को, हम कितना तुमको चाहने लगे
आस सिया की डिग न पाई, श्रीराम ने विश्वास की प्रीत निभाई। आस सिया की डिग न पाई, श्रीराम ने विश्वास की प्रीत निभाई।
हर साल आते हो तुम रूप बदल बदल के, आए हो मेरे देश में तुम तो त्यौहार बन के हर साल आते हो तुम रूप बदल बदल के, आए हो मेरे देश में तुम तो त्यौहार बन के
इस पीर की तू ही दवा रे आकर के तू दर्शन दे जा रे ओ कान्हा रे ! कान्हा रे ! इस पीर की तू ही दवा रे आकर के तू दर्शन दे जा रे ओ कान्हा रे ! कान्हा रे !
नहीं दिखाती वह दिल के जख्म किसी को, खुद ही आँसुओं को पी कर रह जाती है नहीं दिखाती वह दिल के जख्म किसी को, खुद ही आँसुओं को पी कर रह जाती है
कैसे बताएं तुझ को, इस दिल पर क्या-क्या गुजरती है.... कैसे बताएं तुझ को, इस दिल पर क्या-क्या गुजरती है....
न तोड़ी जाऊँ अपनी डाली से कभी, न मसली जाऊँ, न कुचली जाऊँ, न तोड़ी जाऊँ अपनी डाली से कभी, न मसली जाऊँ, न कुचली जाऊँ,
काश कि अंत हो जाए... इन बिगड़े हालातों का ! मिट जाए निशां... इन जलते अंगारों का !! काश कि अंत हो जाए... इन बिगड़े हालातों का ! मिट जाए निशां... इन जलते अं...
मेरे शब्दों को तो जान न सका, कैसे वह मौन समझेगा !! मेरे शब्दों को तो जान न सका, कैसे वह मौन समझेगा !!
रेत के घरौंदे बनाते-बनाते, कब अपना घर बनाना सीख जाती हैं... पता ही नहीं चलता...। रेत के घरौंदे बनाते-बनाते, कब अपना घर बनाना सीख जाती हैं... पता ही नहीं ...