यह कैसा रिश्ता ?
यह कैसा रिश्ता ?
यह कैसा रिश्ता? कैसा नाता है...
नफरत थी या मोहब्बत समझ ही नहीं पाया !
मुझे आज भी याद है...सबकुछ ...
इनकार किया ना इज़हार किया !
यह कैसा रिश्ता? कैसा नाता है...
अजीब सी उलझन हो तुम पर नस- नस में समाई है !
उस दिन तेरी तस्वीर देखी फिर दिल में हलचल मची...
अपनी, पराई तुम जो कुछ भी हो आज फिर तू याद आयी है !
यह कैसा रिश्ता? कैसा नाता है ...
मेरा प्रेमपत्र पढ़कर .. तू खुश थी या नाराज़ ?
तू मोहब्बत है या तोहमत आज तक पता न चला !
क्या था दिल में ख़ुदा जाने और तु ही जाने ?
यह कैसा रिश्ता? कैसा नाता है ...
सच बोलो कौन हो तुम? दर्द हो या मरहम ?
मेरे लिये तो तू सिर्फ एक ज़ालीम बला है ...
तू कुछ भी जाने मगर तू ही है मेरा पहला प्यार!