देखो प्रिय ! वसंत ऋतु चली आई ।
देखो प्रिय ! वसंत ऋतु चली आई ।
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रंग प्रीत का ओढ़ कर मीत मिलन को चली आई
पीली धूप ओढ़ कर खुशियां है घर आई
देखो प्रिय ! वसंत ऋतु चली आई ।
सजी संवरी निखरी निखरी
नयी दुल्हन सी झिझकती
कच्ची हल्दी का पीलापन लिए चली आई
सरसों के पीले फूल भी सजाती आई
देखो प्रिय ! वसंत ऋतु चली आई ।
खिल उठी आम की मंजरिया
कोमल है पत्तो की लड़ियां
कोयल की मीठी तान छेड़ती चली आई
महुएं की मीठी महक से महकती चली आई
देखो प्रिय ! वसंत ऋतु चली आई ।
