पावन भारत धाम
पावन भारत धाम
ताजपोशी करता जिसकी हिमराज है
चरण वंदन करता जिसकी जलधाम है
वह मानवता का मान बिंदु
वह जगत पूज्य वह विश्व गुरु पावन भारत धाम है ।।
जहां नदिया होती मातृ तुल्य करती सबका पालन पोषण
जहां कृष्ण की प्यारी गौ माता प्रकृति सबकी जीवन दाता
जहां जन्मे हमारे राम कृष्ण
वह जगत पूज्य वह विश्व गुरु वह पावन भारत धाम है ।।
जहां राम रहीम में भेद नहीं
रहते सब मिल भाई भाई
सकल विश्व में जिसकी विजय पताका लहराई
जहां जन्मे महान संत पुरुष है
वह जगत पूज्य वह विश्व गुरु वह पावन भारत धाम है ।।
गीता ने कर्म का पाठ पढ़ाया मानवता को जीना सिखलाया
बुद्ध महावीर और नानक का दिव्य ज्ञान हमने पाया
इन सभी महा दिव्य पुरुषों की मातृभूमि महान है
वह जगत पूज्य वह विश्व गुरु वह पावन भारत धाम है ।।
पृथ्वीराज से वीर बलवान यहां भारत मां का मान बढ़ाया है
राणा प्रताप से स्वाभिमानी ने मुगलों का गर्व ढहाया है
जहां का बच्चा बच्चा बोले जय शिवाजी
वह जगत पूज्य वह विश्व गुरु वह पावन भारत धाम है ।।
भारत देश का इतिहास पुराना है
रामायण महाभारत काल को इसी ने जाना है
जो राम से पुरुषोत्तम कर्ण से दानवीर की जन्मभूमि है
जिसके कण कण में शंकर है
वह परम पूज्य वह देवतुल्य वह पावन भारत धाम है ।।
जो मां की ममता पिता का प्यार
बहन की राखी पत्नी का श्रृंगार
इन सबका मान बढ़ाता है,
जो सियाचिन की सर्दी में मां भारती की रक्षार्थ अपना जीवन अर्पित कर जाता है,
वह जगत पूज्य वह विश्व गुरु वह पावन भारत धाम है ।।
